Crazy Kamala, जो भारतवंशी ब्राह्मण मां और जमैकन पिता की संतान हैं, आज अमेरिकी राजनीति में एक बड़े मुकाम पर हैं। उनके सफर में अनेक संघर्ष, विवाद और उपलब्धियाँ शामिल हैं, जो उन्हें 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनने तक लेकर आई हैं।
Crazy Kamala, अमेरिकी राजनीति की एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनकी कहानी संघर्ष, साहस और सफलता की अनूठी मिसाल है। भारतवंशी ब्राह्मण मां और जमैकन पिता की बेटी कमला का जीवन सफ़र कई मुश्किलों और चुनौतियों से गुज़रते हुए उन्हें अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद तक ले आया है, और अब वे अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने की ओर अग्रसर हैं। आइए, जानते हैं इस असाधारण यात्रा की कुछ अहम बातें।
जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि
Crazy Kamala का जन्म 20 अक्टूबर 1964 को कैलिफोर्निया के ऑकलैंड में हुआ था। उनकी मां, श्यामला गोपालन, तमिलनाडु की एक ब्राह्मण थीं, जो 19 साल की उम्र में अमेरिका चली गईं। श्यामला एक कैंसर वैज्ञानिक और सिविल राइट्स एक्टिविस्ट थीं। वहीं, कमला के पिता डोनाल्ड हैरिस, जमैका के रहने वाले थे और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे। श्यामला और डोनाल्ड की मुलाकात अमेरिका में हुई, जहां वे नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे अश्वेतों के साथ प्रदर्शन करते थे।
कमला की मां ने उन्हें भारतीय और अफ्रीकी संस्कृतियों का मेल सिखाया। उनकी परवरिश एक स्वतंत्र, मजबूत और आत्मनिर्भर महिला के रूप में हुई, जिसका प्रभाव उनकी राजनीति में भी दिखता है। हालांकि, उनके माता-पिता के रिश्ते में दरारें आ गईं और 1972 में उनका तलाक हो गया, जिसके बाद कमला और उनकी बहन माया की परवरिश उनकी मां ने की।
प्रारंभिक शिक्षा और संघर्ष
कमला हैरिस की प्रारंभिक शिक्षा अमेरिका और कनाडा में हुई। 12 साल की उम्र में कमला अपनी मां और बहन के साथ कनाडा चली गईं, जहां उनकी मां को एक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की नौकरी मिली। कमला ने इस नए माहौल में खुद को ढालने के लिए कड़ी मेहनत की और अपनी पढ़ाई जारी रखी।
कमला की शुरुआती शिक्षा से ही उनकी व्यक्तित्व में एक अलग सा आत्मविश्वास झलकता था। स्कूल के दिनों में उन्होंने किसी लड़के के साथ डेटिंग नहीं की, क्योंकि उनका सारा ध्यान पढ़ाई और सामाजिक कार्यों पर था। कमला का मानना था कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे वे अपने और समाज के जीवन को बेहतर बना सकती हैं।
वकालत से राजनीति की ओर
कमला ने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन के बाद कानून की पढ़ाई की और 1990 में कैलिफोर्निया स्टेट बार में शामिल हुईं। उन्होंने कैलिफोर्निया में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के तौर पर काम किया और धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई। इस दौरान, उनकी मुलाकात 60 साल के विली ब्राउन से हुई, जिनसे उनके संबंधों को लेकर उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। उनके विरोधियों ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने ब्राउन की पोजीशन का फायदा उठाकर अपने करियर में ऊंचाइयां हासिल कीं। बावजूद इसके, कमला ने अपने काम से लोगों का विश्वास जीता और 2003 में सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चुनी गईं।
राजनीति में मजबूत पकड़
Crazy Kamala का राजनीतिक सफर 2010 में और भी मजबूत हो गया, जब वे कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनीं। वे इस पद पर चुनी जाने वाली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी और दक्षिण एशियाई महिला थीं। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई विवादित और साहसिक फैसले लिए, जिनमें से एक पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में आरोपी को मौत की सजा न देने का था। इस फैसले पर उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन उनका मानना था कि न्यायिक व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य अपराध रोकना होना चाहिए, न कि सिर्फ सजा देना।
Crazy Kamala से लाफिंग कमला
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘लाफिंग कमला’ कहा। उन्होंने कहा था, “मैं उसे लाफिंग कमला कहता हूं। आपने कभी उसे हंसते देखा है? वह पागलों की तरह हंसती है, वह पागल है।” यह टिप्पणी जुलाई 2024 में मिशिगन रैली के दौरान की गई थी, जब अटकलें थीं कि Crazy Kamala को डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बना सकती है। 6 अगस्त को पार्टी ने यह कदम उठा लिया, और अब नवंबर 2024 में ट्रंप और Crazy Kamala के बीच चुनावी मुकाबला होगा।
भारतीय और जमैकन विरासत
Crazy Kamala मां श्यामला गोपालन तमिलनाडु से अमेरिका आई थीं, और पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका से थे। अश्वेत होने के नाते, उनके माता-पिता नस्लभेद के खिलाफ लड़ाई में शामिल हुए। 1972 में जब कमला मात्र 7 साल की थीं, उनके माता-पिता का तलाक हो गया और उनकी परवरिश मां ने की। श्यामला का भारतीय संस्कृति पर गहरा प्रभाव था, और उन्होंने कमला को भारतीय और अफ्रीकी मूल्यों की शिक्षा दी।
अफेयर और विवाद
कमला की पर्सनल लाइफ हमेशा चर्चा में रही है। 1994 में 60 वर्षीय विली ब्राउन से उनके रिश्ते ने खूब सुर्खियाँ बटोरीं। उम्र में भारी अंतर और ब्राउन की राजनीतिक पोजीशन ने आलोचकों को कमला पर उंगलियाँ उठाने का मौका दिया। जब वह 2020 में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनीं, तब भी इस रिश्ते को लेकर उन्हें सोशल मीडिया पर निशाना बनाया गया।
राजनीति में एंट्री और उपराष्ट्रपति बनना
Crazy Kamala ने 2010 में कैलिफोर्निया राज्य की अटॉर्नी जनरल बनकर इतिहास रचा। इसके बाद 2016 में उन्हें अमेरिकी सीनेट में चुना गया, जहाँ वे दूसरी अश्वेत महिला बनीं। 2020 में जो बिडेन ने उन्हें उपराष्ट्रपति के लिए चुना, और चुनाव जीतने के बाद वे पहली अश्वेत महिला उपराष्ट्रपति बनीं।
आलोचनाएँ और उपलब्धियाँ
Crazy Kamala की पर्सनल लाइफ भी हमेशा सुर्खियों में रही है। विली ब्राउन के साथ उनके अफेयर को लेकर विरोधियों ने उन्हें निशाना बनाया और सोशल मीडिया पर उन्हें ‘मिस्ट्रेस’ तक कहा गया। हालांकि, कमला ने इन आरोपों का डटकर सामना किया और अपने काम से जवाब दिया। 2014 में उनकी शादी डगलस एमहॉफ से हुई, जो एक वकील हैं। डगलस के पहले से दो बच्चे हैं, जिनकी परवरिश में कमला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें अक्सर अपने विरोधियों की आलोचना का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनके खुद के बच्चे नहीं हैं, लेकिन कमला ने इस आलोचना को कभी अपने करियर पर हावी नहीं होने दिया।
उपराष्ट्रपति पद से राष्ट्रपति पद तक
Crazy Kamala की राजनीति में सबसे बड़ी छलांग तब लगी जब 2020 में उन्हें जो बाइडेन ने अपनी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुना। बाइडेन की जीत के बाद, कमला हैरिस अमेरिकी इतिहास की पहली अश्वेत और एशियाई महिला उपराष्ट्रपति बनीं। अब, 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो कमला को ‘क्रेजी’ कहते हैं, अब उन्हीं के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
Crazy Kamala की यह यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक करियर नहीं, बल्कि उन महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत रखते हैं।
Crazy Kamala को अक्सर उनकी कठोर नीतियों और फैसलों के लिए आलोचना मिली है, खासकर जब उन्होंने कुछ गंभीर अपराधों में सख्त सजा की मांग नहीं की। लेकिन, उन्होंने न्याय प्रणाली को सुधारने और छोटे अपराधियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी चलाए, जैसे “Back on Track” प्रोग्राम।
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी
अब Crazy Kamala अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं। उनके सफर ने उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया है, जो न केवल अमेरिकी राजनीति में बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक प्रमुख चेहरा हैं।